हज का ब्यान – 2
हज के मसाइल हज नाम है एहराम बाँध कर नवीं जिलहिज्जा को अरफात में ठहरने और कअबा शरीफ के तवाफ का, और उसके लिये एक खास वक़्त मुर्कार है कि उसमें यह अफ़आ़ल (काम) किये जायें तो हज है। सन 9 हिजरी में फर्ज़ हुआ उसकी फर्ज़ियत क़तई है जो उसकी फ़र्जि़यत का इन्कार करे […]